औद्योगिकीकरण के प्रभाव

औद्योगिकीकरण के प्रभाव

औद्योगीकरण के कई फायदे हैं-

उद्योगों के विकास से बड़े पैमाने पर सामान का उत्पादन होने से काफी सस्ती दरों पर उपभोक्ता के लिए सामान उपलब्ध होता है।

औद्योगीकरण से लोगों के जीवन स्तर में काफी वृद्धि होती है।

उपभोक्ता वस्तुओं के कई विकल्प उपलब्ध है। ग्राहकों को विकल्पों की व्यापक विविधता मिलती है।

औद्योगीकरण नए रोज़गार के अवसर पैदा करता है।

औद्योगीकरण में आयात और निर्यात के लिए परिवहन का नए तरीके से विकास होता है।

संसाधनों का उपयोग किया जाता है।

विदेशी मुद्रा की कमाई होती है।

औद्योगिकीकरण से केवल लाभ ही नहीं होता बल्कि कई तरह से पर्यावरणीय समस्याएँ पैदा होती हैं। उद्योग में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल तथा शक्ति के साधन की जरूरत पड़ती है। कच्चे माल के सि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जाता है. जिसके परिणामस्वरूप वहाँ भूमि क्षरण तथा संसाधनों के समाप्त होने का भय बना रहता है। कारखानों के अपद्रव पदार्थ से जल, थल व वायु प्रदूषण की गंभीर समस्याएँ पैदा होती हैं। सभी छोटे-बडे औद्योगिक नगर इससे ग्रसित हैं। इस तरह तेज गति से होने वाल औद्योगिकीकरण पर्यावरणीय समस्याओं की जननी भी है।

एक सीमा के बाद जब भूमि, परिवहन, मज़दूर बिजली पानी आदि महंगे होने लगते हैं. मज़दूरों की हस्ताल आदि की भी समस्याएँ होने लगती है तो उद्योगों का हस्तांतरण होने लगता है। कई बार सरकार भी किसी खास नगर में उद्योग लगाने से मना कर देती है जिससे वहाँ उद्योग नहीं लग पाते हैं।

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