टंग्स्टन (Tungsten) – आधुनिक धात्विक उद्योगों में मिश्रित इस्पात (एलॉय स्टील) बनाने में टंग्स्टन का
विशेष महत्व है। इसके उपयोग से इस्पात में मजबूती, कठोरता, घषर्ण तथा धक्का सहने की क्षमता बढ़ जाती है। टंग्स्टन-मिश्रित स्टील का उपयोग उच्च श्रेणी के काटने वाले उपकरण और पत्थर छिद्रक उपकरण बनाने में किया जाता है। टंग्स्टन, कोबाल्ट और क्रोमियम मिश्रित स्टेलाइट का प्रयोग कवचपट्ट बन्दूकें कवच अंतर्वेधक आदि बनाने में किया जाता है। विद्युत उपकरण जैसे बल्ब तथा ट्यूब के फिलामेंट में भी टंग्स्टन का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें विद्युत प्रवाह को सहने की क्षमता अधिक होता है। विद्युत को प्रकाश में बदलने की इसकी क्षमता इतनी अधिक होती है कि फिलामेंट के लिए इसका विकल्प नहीं ढूँढा जा सका है। यह राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पाया जाता है।