मकानों के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक

मकानों के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक

मकानों के निर्माण एवं प्रकार पर जलवायु का गहरा प्रभाव पड़ता है। भूमध्य रेखीय प्रदेशों में जहाँ वर्षा अधिक होती है. वहीं लोग मचानों पर बने झोपड़ों में रहते हैं। शुष्क प्रदेशों में मिट्टी के मकान, घास के मैदानों में तम्बुओं तथा टुण्ड्रा जैसे शीत प्रदेश में बर्फ के बने मकानों में निवास करते हैं।

तापमान, वायु की गति एवं दिशा वर्षा की मात्रा आर्द्रता आदि जलवायु के प्रमुख कारक है। प्रायः शीत एवं शीतोष्ण प्रदेशों में प्रातःकालीन सूर्य की किरणों से लाभान्वित होने के लिए मकान का मुख्य द्वार पूर्व की ओर रखा जाता है। उष्ण प्रदेशों में कड़ी धूप से बचाने के लिए मुख्यद्वार पर छप्पर डालते हैं तथा दीवार की मोटाई अधिक रखी जाती है। ब्रिटेन में तीव्र गति से चलने वाली पछुआ हवाओं के कारण मकानों का रूख पूर्व या दक्षिण पूर्व रखा जाता है।

जहाँ वर्षा कम होती है वहाँ मकान की छत चौरस और अधिक वर्षा वाले भागों में ढलवां छत बनाई जाती है। दरवाजों और खिड़कियों पर छज्जे बनाये जाते हैं।

मकानों के निर्माण में जहाँ जो संसाधन आसानी से उपलब्ध होते हैं, प्रायः उसी का उपयोग किया जाता है। पर्वतीय भागों में पत्थर का उपयोग, वनाच्छादित भागों में बांस, तख्ते व लट्टे का उपयोग करते हैं। जापान जैसे भूकम्प प्रभावित देश में लकडी या हल्की वस्तुओं से मकान बनाते है। यातायात के साधनों के विकास एवं वर्तमान युग में उपलब्ध नए साधनों द्वारा अब मकानों के कई स्वरूप देखने को मिलते हैं। उदाहरण के लिए राजस्थान से प्राप्त संगमरमर का उपयोग देश के कोने-कोने में हो रहा है। टिन के चद्दर का उपयोग अधिक वर्षा वाले इलाकों में अधिक होता है।

मकानों के निर्माण में धरातलीय उच्चावच का ध्यान रखा जाता है। पर्वतीय ढालों में कई स्तर पर मकान बनाये जाते हैं। निचले ढाल की दीवार अधिक ऊँची व पीछे की ऊँचाई कम होती है। जबकि मैदानी भाग में समान ऊँचाई की दीवारें होती है। दलदली क्षेत्र में नींव गहरी व पक्की होती है।

सुरक्षा, गोपनीयता, एकान्तता मकानों के निर्माण में महत्वपूर्ण होते है जैसे मसाई अपनी सुरक्षा का ध्यान रखकर क्राल का निर्माण करते हैं। वर्तमान में भूमिगत कमरे भी बनने लगे हैं जो बहुमूल्य वस्तुओं को रखने और गोपनीयता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

आवास का आकार, प्रकार व सजावट निर्माणकर्ता की संपन्नता का प्रतीक है। आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्ति स्थानीय निर्माण सामग्री के अतिरिक्त अन्य सामग्री बाहर से मंगा लेते हैं।

सामाजिक मान्यताओं के अनुरूप आवास निर्माण में एक भाग पुरुषों के लिए, दूसरा भाग महिलाओं के लिए होता है। जहाँ परम्पराएँ व मान्यताएँ पुरानी है। इसी प्रकार भारत में वास्तुकला के अनुसार मकान निर्माण की परम्परा है।

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