मैंगनीज (Manganese) मैंगनीज़ का प्रमुख उपयोग लोहा-इस्पात उद्योग में किया जाता है जहाँ उसे लोहे के साथ मिलाकर इस्पात तैयार किया जाता है। इस्पात में 12 से 14 प्रतिशत मैंगनीज होता है। लगभग सारे मैंगनीज का उपयोग लोहा इस्पात उद्योग में ही किया जाता है। मैंगनीज युक्त इस्पात अधिक मजबूत, कठोर और घर्षण सहने की क्षमता वाला होता है। मैंगनीज इस्पात का उपयोग क्रशर जैसी मशीन बनाने में होता है। क्रशर से चट्टान पीसकर
अलग-अलग आकार में गिट्टी बनाया जाता है। इसके अलावा मैंगनीज का प्रमुख उपयोग काँच तथा मिट्टी के बर्तन, प्लास्टिक, फर्श के टाइल्स, ग्लास, वार्निश तथा शुष्क बैटरी सेल बनाने में किया जाता है।
भारत में मैंगनीज अयस्क का कुल अनुमानित भंडार (1 अप्रैल 2010 में) 43 करोड़ टन है। सर्वाधिक मैंगनीज भण्डार ओडिशा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 516.66 मिलियन टन उच्च कोटि के मैंगनीज़ अयस्क के भंडार हैं। इसके अलावा मुलमुला, सेमरा, कोलिहाटोला में मैंगनीज अयस्क के जमाव है।