औद्योगिक नीति: उद्योग की स्थापना सरकार की नीति पर निर्भर करती है। यदि सरकार की औद्योगिक नीति में उद्योगों की स्थापना के लिए उदारता नहीं होगी तो कोई भी उद्योगपति उद्योग लगाने के लिए आगे नहीं आएगा। उद्योगपति ऐसे देशों में अपनी पूँजी निवेश करते हैं जहाँ शासकीय नीतियों लचीली होती है. जहाँ शासन अर्थव्यवस्था में हस्तक्षेप कम-से-कम करे और कर कम-से-कम हो, जहाँ बुनियादी सुविधाएँ जैसे सडक, बिजली व यातायात व्यवस्थित हो।
नई औद्योगिक नीति का प्रभाव तीन प्रमुख नीतियाँ बनाई गई हैं, जो निम्नलिखित हैं –
उदारीकरण: उदारीकरण का अर्थ है नियमों व प्रक्रियाओं को आसान बनाकर लाइसेंस परमिट राज को कम करना जिससे विदेशी कंपनियाँ अपनी प्रौद्योगिकी व तकनीकी के साथ भारत में कारखाने लगा सकें। यह औद्योगिक विकास के लिए किया गया उपाय है जो सातवीं पंचवर्षीय योजना काल में अपनाया गया। आठवीं पंचवर्षीय योजना में इसे और अधिक प्रोत्साहित किया गया।