4 गुजरात औद्योगिक प्रदेश इस प्रदेश में दो प्रमुख शहर अहमदाबाद और बड़ोदरा स्थित है। इसलिए
इसे अहमदाबाद और बड़ोदरा औद्योगिक प्रदेश भी कहा जाता है। इसके प्रमुख औद्योगिक केन्द्र जामनगर, राजकोट, सूरत, बड़ोदरा, खेड़ा, आणंद, भरूच और गोधरा हैं। अहमदाबाद में सूती वस्त्र की सर्वाधिक मिलें हैं। सूरत में हीरे की कटिंग, सोना-चाँदी के जेवर और वस्त्र के उद्योग विकसित हैं। आणंद में डेयरी उद्योग प्रमुख है। अहमदाबाद में इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सॉफ्टवेयर, दवाइयाँ आदि के कारखाने हैं।
- छोटा नागपुर औद्योगिक प्रदेश: इस औद्योगिक प्रदेश का विस्तार पश्चिम बंगाल से लेकर दामोदर
घाटी, सिंहभूम एवं ओडिशा तक है। इसलिए इसे राउरकेला जमशेदपुर औद्योगिक प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है। सिंहभूम का क्षेत्र लौह अयस्क, ताँबा, यूरेनियम, मॅगनीज़ आदि के लिए, तो दामोदर घाटी कोयला के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में लौह इस्पात उद्योग का विकास जमशेदपुर बोकारो, दुर्गापुर, राउरकेला, बर्नपुर में हुआ है। इस क्षेत्र में भारी इंजीनियरिंग उद्योग (रांची में), उर्वरक उद्योग (सिंदरी में), सीमेंट कारखाना (डालमिया नगर व जपला में) स्थित हैं।
6 विशाखापट्टनम-गुंटूर औद्योगिक प्रदेश यह औद्योगिक प्रदेश विशाखापट्टनम ज़िले से लेकर
प्रकाशम जिले तक स्थित है। इस प्रदेश के विकसित होने का कारण विशाखापट्टनम तथा मछलीपट्टनम के बंदरगाह हैं। गोदावरी घाटी में पेट्रोलियम पदार्थ व कोयला मिलते हैं और इस कारण यहाँ लौह इस्पात कारखाना स्थापित किया गया है। विशाखापट्टनम में हिन्दुस्तान शिप यार्ड लिमिटेड की स्थापना की गई है जहाँ पोत बनते हैं। इस प्रदेश में चीनी उद्योग, वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग, कागज़ उद्योग, उर्वरक उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग विकसित हुए है। विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, विजयनगर, राजामुंदरी, गुंटूर, एलुक्रू आदि औद्योगिक केन्द्र हैं।
7 गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश दिल्ली के आसपास के शहरों
गुड़गाँव, फरीदाबाद, तक इस प्रदेश का मोदीनगर, मेरठ, अंबाला, मथुरा, सहारनपुर, नोएडा, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत आदि विस्तार है। यह प्रदेश खनिज स्रोतों से काफी दूर है। अतः इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, खेल के सामान, बिजली के सामान, होजियरी, ट्रेक्टर, साइकिल, कृषि उपकरण, आगरा औद्योगिक क्षेत्र में काँच और चमड़े के उद्योग, मथुरा में तेल परिष्करण उद्योग, फरीदाबाद में इंजीनियरिंग उद्योग, सहारनपुर में कागज़ उद्योग का विकास हुआ है। गुडगाँव में प्रमुख उद्योग ऑटोमोबाइल, वस्त्र निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बी.पी.ओ. (Business Process Outsourcing) के हैं।
8 कोल्लम-तिरुवनंतपुरम औद्योगिक प्रदेश यह औद्योगिक प्रदेश केरल के छोर पर स्थित है। इसका विस्तार तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुजा, एर्णाकुलम तथा त्रिचुर जिलों में है। यह प्रदेश देश के खनिज प्रदेशों से काफी दूर स्थित है, अतः इन क्षेत्रों में कृषि उत्पादों के आधार पर उद्योगों का विकास हुआ है। इन उद्योगों के अतिरिक्त सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, रबड़ उद्योग, कागज उद्योग, मछली आधारित उद्योग, नारियल रेशे के उत्पादों से संबंधित उद्योग, सीमेंट उद्योग और तेल परिष्करण उद्योग इन प्रदेशों में हैं।
दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा औद्योगिक क्षेत्र छत्तीसगढ़ में स्थित यह औद्योगिक क्षेत्र मूलतः
स्थानीय खनिजों पर आधारित है। तृतीय पंचवर्षीय योजना काल में भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना रूस के तकनीकी सहयोग से की गई। यह संयंत्र कोलकाता-मुंबई मार्ग पर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई नगर में स्थित है। इस संयंत्र के लिए लौह अयस्क 97 किमी. दक्षिण में स्थित दल्ली-राजहरा पहाड़ियों से आता है। कोयला कोरबा एवं झारखण्ड की झरिया खानों से आता है। अन्य खनिज समीप ही पाए जाते हैं। इस उद्योग से सम्बद्ध कई इकाइयों भिलाई इस्पात संयंत्र को कलपुर्जे तथा उपकरण की आपूर्ति करने लगी हैं। निलाई संयंत्र से कच्चे माल की सुविधा के कारण इस भाग में इस्पात की रोलिंग मिल्स तथा रायपुर में रेल वैगन सुधारने का कारखाना है। कृषि आधारित राईस (चावल) मिल का भी विकास हुआ है। इनके अलावा इलेक्ट्रिकल्स, रसायन उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे आधुनिक उद्योग भी काफी विकसित हो रहे हैं।
भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड बाल्को की आधारशिला 27 नवम्बर 1965 को रखी गई थी जिसमें उत्पादन 7 मई 1975 से आरंभ हुआ। कोरबा के अतिरिक्त सरगुजा के मैनपाट, अमरकंटक व आसपास के अन्य जगहों पर बॉक्साइट की प्रचुर मात्रा उपलब्ध है। बॉक्साइट के नए स्रोतों के रूप में बाल्को की सरगुजा ज़िले की मैनपाट खदान से तथा साथ ही फुटका पहाड़ स्थित बाल्को की निजी खानों से बॉक्साइट प्राप्त किया जा रहा है। कोरबा में आज 671 औद्योगिक उपक्रम (यूनिट) मध्यम और बड़ी यूनिटें स्थापित है।
कोरबा के बीचों-बीच से गुज़रने वाली हसदो नदी का खाना को पानी की मावश्यकता पूरी करेगी। आज इस संस्था में 6000 कर्मचारी कार्यरत हैं। हम जानते हैं कि यहाँ बॉक्साइट के अतिरिक्त कोयला का विशाल भण्डार था। कोयले का विशाल भण्डार होने से यहाँ थर्मल पावर की स्थापना हुई है जिससे इस संयंत्र को व राज्य को बिजली की आपूर्ति होती है। इस तरह यह ऊर्जा के केन्द्र के रूप में उभरा है। इसके साथ ही यहाँ सीमेंट, कागज़ तथा लुगदी, इलेक्ट्रिकल्स तथा इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन तथा कोसा (टसर) के हथकरघा उद्योग का विकास हुआ है। रायगढ़ में जिंदल ग्रुप का लौह इस्पात का कारखाना कार्यरत है। इस क्षेत्र के मुख्य औद्योगिक केन्द्र निलाई, दुर्ग, रायपुर कुम्हारी, जामूल, मांढर, महासमुंद, उरला, घरसीयां, बिलासपुर, कोरबा, चांपा, अकलतरा, रायगढ़, गोपालपुर, सिरगिट्टी है।
2007 में सरकार ने देश में औद्योगिक विकास, आय में बढ़ोत्तरी, रोज़गार के प्रोत्साहन तथा औद्योगिक /आर्थिक गलियारों के विकास के लिए नीतिगत पहल की है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (Delhi Mumbai Industrial Corridor) के रूप में आठ निवेश क्षेत्रों की घोषणा की गई है। इनकी विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:
- अहमदाबाद धौलेरा निवेश क्षेत्र, गुजरात
- शेंद्रा बिदकिन औद्योगिक पार्क सिटी, औरंगाबाद के निकट, महाराष्ट्र
- मनेसर बावल निवेश क्षेत्र, हरियाणा
- खुशखेड़ा निवाड़ी नीमराणा निवेश क्षेत्र, राजस्थान
- पीथमपुर धार महू निवेश क्षेत्र, मध्य प्रदेश
- दादरी नोएडा गाज़ियाबाद निवेश क्षेत्र, महाराष्ट्र और
- जोधपुर पाली मारवाड़ क्षेत्र, राजस्थान
इसके अलावा चेन्नई बंगलुरु औद्योगिक गलियारा, बंगलुरु मुंबई आर्थिक गलियारा, अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा, पूर्वी तटीय औद्योगिक गलियारा हैं।