जनसंख्या और विकास

विकास का मतलब क्या है? क्या विकास का मतलब केवल उत्पादन में सतत् वृद्धि है? किसी देश का आर्थिक विकास वहाँ के लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है या नहीं यह कैसे पता करें? इन बातों पर आपने अर्थशास्त्र के पहले पाठ में पढ़ा हो

हम किस तरह के मानवीय जीवन को विकसित जीवन कह सकते हैं? इन सवालों के

जवाब खोजने में दो अर्थशास्त्रियों का महान योगदान रहा है वे हैं पाकिस्तान के महबूब उल हक और भारत के अमर्त्य सेन। इन दोनों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ विकास कार्यक्रम के लिए मानव विकास को मापने के कुछ सुझाव रखे। हक और सेन का मानना था कि किसी देश के लोगों का विकास इस बात पर निर्भर है कि उनके पास अपने इच्छानुसार जीवन जीने के मौके हैं या नहीं और क्या उनके पास वो जरूरी क्षमताएँ हैं

जिनकी मदद से वे महबूब उल हक अमर्त्य सेन अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सकें? हक के अनुसार विकास का उद्देश्य मानव द्वारा विभिन्न जीवन विकल्पों में से चुनने के अवसरों को बढ़ाना है, केवल आय वृद्धि मात्र नहीं है। मानव विकास का उद्देश्य मानव क्षमताओं की वृद्धि और उनका भरपूर उपयोग है। उन्होंने माना कि इसके लिए जरूरी है लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश, आय व संसाधनों का अधिक समान वितरण विशेषकर महिलाओं का सशक्तीकरण और आर्थिक विकास।

इस विकास को मापने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ विकास कार्यक्रम ने कुछ मूलभूत मापदण्ड तय किए। पहला मापदण्ड स्वास्थ्य से संबंधित है किसी देश में लोग औसतन कितनी आयु तक जीवित रहते हैं? इसे जन्म पर सम्भावित आयु भी कहते हैं। यह माना जाता है कि स्वस्थ व्यक्ति प्रायः अधिक उम्र तक जीवित रहता है।

दूसरा मापदण्ड है शिक्षा। लोग औसतन कितने वर्ष पाठशाला में गुज़ारे हैं और उनकी कितने वर्ष तक शिक्षा प्राप्त करने की संभावना है। तीसरा मापदण्ड है। आकलन किया जाता है। इन तीनों पक्षों को जोड़कर किसी देश के मानव विकास को आंका जाता है। इसके अनुसार भारत का स्थान विश्व में 130वाँ है और उसे 609 अंक प्राप्त है। सर्वाधिक अंक 944 नार्वे को मिले हैं जो मानव विकास में अग्रणी है।

भारत में जन्म पर सम्भावित आयु 68 वर्ष है जबकि नार्वे में यह 81.6 वर्ष है। भारत में औसतन वयस्क व्यक्ति 5.4 वर्ष तक स्कूल में पढ़ा है जबकि नार्व के औसतन वयस्क 126 वर्ष शिक्षा प्राप्त है। भारत की प्रति व्यक्ति सालाना आय 5497 अमेरिकी डॉलर है जबकि नार्वे की प्रति व्यक्ति आय 64,992 अमेरिकी डॉलर है। (ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट 2015, 212-214)

मानव विकास के लिए काम चित्र 53 मानव विकास रिपोर्ट 2015 आर्थिक विकास। किसी देश की प्रति व्यक्ति आय के द्वारा इस पक्ष का

वैसे किसी देश के मानवीय विकास को आकने के लिए कई और तरीके भी अपनाए जा सकते हैं जैसे-साक्षरता दर कुपोषित बच्चों व वयस्कों की दर शिशु व बाल मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर, आदि। इनके बारे में आप इस पुस्तक के अन्य अध्यायों में पढ़ेंगे।

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