नगरीय अधिवासों की उत्पत्ति को प्रभावित करने वाले कारक

नगरीय अधिवासों की उत्पत्ति को प्रभावित करने वाले कारक

  1. जलवायु अनुकूल और स्वास्थ्य वर्धक जलवायु में लोग निवास करना पसंद करते हैं। शीतप्रधान जलवायु की तुलना में उपोष्ण एवं शीतोष्ण प्रदेश अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। वर्तमान में विश्वप्रसिद्ध समृद्ध नगर, उपोष्ण और शीतोष्ण हिस्से में हैं। टोकियो न्यूयार्क, संघाई, लास एंजिल्स, बीजिंग आदि ऐसे ही नगर है। धरातलीय स्वरूप समतल तथा उपजाऊ धरातलीय भागों में अधिवासों का विकास अधिक होता है, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में आवासों, उद्योग धन्धों, कारखानों, सड़कों आदि के लिए समतत भूमि की आवश्यकता होती है।
  2. खनिज एवं शक्ति संसाधन खनिजों के मिलने के स्थान पर धीरे-धीरे नगरों का विकास होने लगता है। जब खनिज समाप्त हो जाते हैं तब नगर भी उजड़ने लगता है। जिन्हें ‘प्रेत नगर कहा जाता है। यही स्थिति किसी कल कारखाने वाले नगर की भी होती है।
  3. जलापूर्ति के स्रोत प्राचीन समय में नगरों का विकास जलापूर्ति स्रोतों के समीप हुआ करता था। औद्योगिक कार्य, परिवहन तथा यातायात के जरूरतों की पूर्ति इनसे होती है। लंदन टेम्स नदी, न्यूयार्क-हड्सन, शिकागो मिशिगन, मास्को-मस्कवा, दिल्ली-यमुना, इलाहाबाद, हावड़ा, कानपुर- गंगा नदी के किनारे बसे हैं।
  4. परिवहन एवं यातायात आवागमन एवं परिवहन के स्रोत का नगरों से व्यावसायिक संबंध हैं। जैसा मानव शरीर में रक्त कोशिकाओं का होता है। जहाँ दो या दो से अधिक मार्ग मिलते हैं वहाँ नगरीय अधिवास बनने लगता है। नगर के विकास में परिवहन व यातायात का मुख्य योगदान रहता है।
  5. औद्योगीकरण उद्योगों का विकास क्रमिक गति से होता है। जो उद्योग प्रधान हो जाता है वह नगर क्रमशः महानगर का स्वरूप ले लेता है। ग्रेट ब्रिटेन में बर्मिंघम, लीवरपुल, भारत में टाटानगर, राऊरकेला, भिलाई इसी प्रकार के नगर है।
  6. पूँजी तथा प्रौद्योगिकी – नगरों के विकास में पूँजी मुख्य है। ईमारतों, सड़कों, जलापूर्ति, प्रकाश आदि की व्यवस्था में पूँजी की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार कुशल मजदूर, इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकीय क्षमता के द्वारा संसाधनों का दोहन होता है।
  7. व्यापार व वाणिज्य परिवहन व यातायात की सुविधा के आधार पर वाणिज्य का सूत्रपात होता है। जिसके आधार पर व्यापारिक नगर विकसित होता है। जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क व रेलमार्ग के निकट मैदान, पर्वत, वनों व मैदानों के मिलन स्तर पर, मार्गों के मिलन बिन्दुओं पर।
  8. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क व रेलमार्ग के निकट
  9. मैदान, पर्वत, वनों व मैदानों के मिलन स्थल पर।
  10. मार्गों के मिलन बिन्दुओं पर।
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