साक्षरता
2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश की साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत थी अर्थात् हर चार में से तीन व्यक्ति पढ़े-लिखे थे। अगर आप पहले की जनगणना के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो पाएँगे कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने इस दिशा में काफी अच्छी प्रगति की है। स्वतंत्रता के बाद हुई पहली जनगणना में जहाँ साक्षरता महज़ 18 प्रतिशत थी अर्थात् 100 में से 82 लोग निरक्षर थे वहीं 2001 में साक्षरता का प्रतिशत बढ़कर 64.84 हो गई।
हालोंकि 2011 की जनगणना के अनुसार हमारी साक्षरता दर 74 प्रतिशत से ऊपर हो गई। पर इसमें स्थान और लिंग के हिसाब से मिन्नता पाई जाती है। जहाँ पुरुषों की साक्षरता 82.14 प्रतिशत है वहीं महिलाओं की साक्षरता 65.46 प्रतिशत है। इसी प्रकार साक्षरता की दरों में स्थानिक भिन्नता भी दिखाई देती है, जैसे कि एक तरफ जहाँ केरल (93.93%), मिजोरम (91.58%), त्रिपुरा (87.75%) राष्ट्रीय औसत से उच्च साक्षरता दर वाले राज्य है, वहीं बिहार (63.82%), राजस्थान (67.06%), झारखण्ड (67.65%) आदि ऐसे राज्य हैं जिनकी साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।