बाज़ार

बाज़ार : किसी भी वस्तु के उत्पादन के बाद उसकी बाजार में खपत होती है। अतः सभी उत्पादों को बाजार तक ले जाना होता है। साथ ही लगातार बदलते हुए बाज़ार के स्वरूप भी उद्योग को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाज़ार से तात्पर्य केवल परिवहन खर्च कम करने से ही नहीं है,

बल्कि बाज़ार में नए-नए उत्पादों की खपत के साथ-साथ लोगों का उत्पादों के प्रति रुझान बनाए रखने के लिए वस्तुओं का आकर्षक होना एवं गुणवत्ता महत्वपूर्ण हो गई है साथ ही मानक बाजार की भी जरूरत होती है जिससे दुनिया भर में ज्यादा-से-ज्यादा लोग एक तरह के उत्पाद की माँग करें

अर्थात् लोगों की सोच, रुचि व खपत में समरूपता हो। पिछले 25 सालों के दौरान मोबाइल के उदाहरण से उसे समझा जा सकता है कि शुरुआती दौर में 1990-91 में, बहुत ही कम कंपनियाँ मोबाइल बनाती थी तथा मोबाइल भी कम लोगो के पास होता था क्योंकि लोगों की पहुँच कम थी।

आज बहुतेरी कंपनियों मोबाइल बनाती हैं। बाजारों की प्रतिस्पर्द्धा में अपने आपको बनाए रखने के लिए कंपानियाँ अपने नए फीचर के साथ अलग-अलग आकार, डिज़ाइन, सस्ते मूल्य पर मोबाइल को बाज़ार में लाती है जिससे वे ग्राहकों का आकर्षण अपनी ओर कर सकें तथा बाज़ार में अपने को पुनः स्थापित कर सकें।

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