प्रथम विश्व युद्ध क्यों हुआ?
संक्षेप में हम यही कह सकते हैं कि उन्नीसवीं सदी में ऐसे राष्ट्र राज्यों की स्थापना हुई जो पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक नहीं थे और सत्ता अभी भी पुराने अभिजात्य वर्ग के हाथों में थी। उसी समय इन देशों का औद्योगीकरण भी हो रहा था जिसके कारण उनके बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा उभरने लगी थी। ए
क ओर नए उभर रहे देश अपने लिए जगह बनाना चाहते थे। इस कारण देशों के बीच संतुलन बिगड़ रहा था। दूसरी ओर कई ऐसे राष्ट्र थे जो अब स्वतंत्र होना चाहते थे और वे पुराने साम्राज्यों का विघटन चाहते थे। इससे भी अन्तर्राष्ट्रीय संतुलन बिगडने लगा। युद्ध होगा ही यह मानकर विभिन्न देशों ने आपस में गुप्त संधियाँ कर रखी थीं जिसके चलते दो देशों के बीच का झगड़ा देखते-ही-देखते विश्व युद्ध में बदल गया।
यह सब इसलिए संभव हुआ क्योंकि इन देशों में अतिराष्ट्रवादी भावना तथा सैन्यवाद जड़ जमा चुका था। इनके चलते आम लोगों में भी युद्ध के प्रति एक उत्साह बन गया लेकिन शीघ्र ही युद्ध के परिणाम आने से युद्ध के प्रति यह उत्साह अपने शासकों के प्रति आक्रोश में बदलने लगा।